मेहनत का मार्ग
जब अनारगी छा जाए जीवन में,
हर दिशा में अंधेरा सा हो जाए।
मन में उठे प्रश्न हजारों,
क्यों रास्ता यह भटका जाए।
समझ न आए क्या करें,
किधर को बढ़ें, कैसे कदम बढ़ाएँ।
पर याद रहे, मेहनत ही है वह दीप,
जो राह दिखाए, सब कठिनाई मिटाए।
मेहनत का जलता दीपक है,
जो अंधेरों को चीर सकता है।
हर अनारगी के बादल,
इसकी रोशनी में बहा सकता है।
हर रोज नए संघर्ष से लड़ना,
हर कदम पर नई चुनौती उठाना।
सपनों के पीछे दौड़ते हुए,
हर अनारगी से जीतकर दिखाना।
सपने जब आँखों में हों,
तो राह का कोई पत्थर रोक न पाए।
मेहनत का हथौड़ा लेकर,
हर बाधा को तोड़कर दिखाना है।
यह दुनिया भले अनारगी में हो,
पर मेहनत का मंत्र अपनाना है।
हर कठिनाई को हरा कर,
अपने हौसले को बढ़ाना है।
जिनके इरादे सच्चे हों,
उनकी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।
हर संघर्ष के बाद,
नई सुबह की किरण आती।
अनारगी से भरे इस जहान में,
हम अपने पथ को खुद बनाते हैं।
मेहनत की शक्ति से,
अपने सपनों को हकीकत बनाते हैं।
इसलिए जब भी थकान महसूस हो,
थोड़ा रुककर मुस्कुराना।
फिर से उठकर मेहनत करना,
अपनी मंजिल को पाने का इरादा जताना।
यही जीवन की सच्चाई है,
अनारगी के बाद मेहनत की राह।
इस राह पर चलकर ही,
मिलती है सफलता की बाह।